हैलो दोस्तों आज की इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे “भूमि प्रदूषण या मृदा प्रदूषण” के बारे में. कौन कौन से कारण है जिनके कारण भूमि प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. कौन से उपाय करके हम इसे कम कर सकते है. यहाँ दी गयी जानकारी प्रतियोगी परीक्षा की तयारी कर रहे विद्यार्थिओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध होगी.
भूमि प्रदूषण क्या होता है?
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भूमि के रासायनिक, भौतिक और जैविक गुणों में अगर कोई हानिकारक परिवर्तन होता है. जो मनुष्य और अन्य जीव जंतुओं पर पड़े और भूमि के प्राकृतिक गुणों को खत्म कर दे तो उसे मृदा या भूमि प्रदूषण कहते है. प्रदूषित जल और वायु के भूमि में मिलने से भूमि प्रदूषण होता है.
भूमि प्रदूषण निबंध, Essay On Land Pollution In Hindi (600 शब्द)
प्रस्तावना: भूमि प्रदूषण अनेक कारणों के से पैदा होता है. इसमें कुछ प्राकृतिक और कुछ मनुष्यों द्वारा प्रेरित कारण होते है. आइये इन सभी कारणों को एक-एक करके जानते है.
- ठोस अवशेष : वैसे देखा जाए तो लगभग सभी अवशिष्ट भूमि की गुणवता को कम करते है किन्तु खासतौर पर ठोस अवशिष्ट जो लम्बे समय के बाद भी गलते सड़ते नहीं है. इस तरह के अवशिष्ट भूमि को गंभीर रूप से प्रदूषित करते है. प्लास्टिक की थैलियों से निर्मित और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जिसका निपटान नहीं हो पाता ये सभी कुछ समय बाद भूमि प्रदूषण का कारण बन जाते है.
- वनों की कटाई: जैसे जैसे जनसँख्या में वृद्धि हो रही है वैसे ही नये मकान बनाने के लिए वनों को तीव्र गति से कटाई हो रही है. मिटटी में संतुलन को बनाये रखने के लिए हरियाली और पेड़ पौधे जरुरी होते है जो उपरी सतह को ढक कर रखते है और सभी प्रकार के पोषक तत्वों को बनाये रखते है. औद्योगिकरण, खनन और मनुष्य की दूसरी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जगलों को बड़ी मात्रा में काटा जा रहा है जिससे भूमि प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
- रसायन निपटान: समय के साथ-साथ हम अपने जीवन में अत्यधिक रसायनों के प्रयोग करने लगे है. चाहे वो रासायनिक खाद हो या फिर कोई कीटनाशक. कपडे धोने के वाशिंग पाउडर से लेकर उद्योगों में प्रयोग होने वाले कैमीकल के निपटान के लिए कोई ख़ास नीति ना होने के कारण इसे खुले में फेंक दिया जाता है जो मृदा प्रदूषण का कारण बन जाती है.
- कृषि गतिविधियाँ : पहले कम जनसँख्या होने के कारण लोग कृषि पर निर्भर नहीं थे. जिसके कारण किसान जैविक खेती किया करते थे. परन्तु आज खाद्य सामग्री की बढती माँग के अनुसार कृषि क्षेत्र भी रासायनिक खादों और आधुनिक तकनीकों पर निर्भर हो गया है. किसान अधिक फसल के लालच में कीटनाशक और दूसरे तरह के रसायनों का छिडकाव करते है जिसके कारण धीरे-धीरे भूमि के प्राकृतिक पोषक तत्व खत्म हो जाते है. रसायनों द्वारा पैदा किये गये उत्पाद मानव शरीर के लिए बहुत हानिकारक है. इसे भी एक तरह का भूमि प्रदूषण माना जाता है.
- अम्ल वर्षा: वातावरण में फैले रासायनिक प्रदूषण के कारण जो अम्लीय वर्षा होती है. वह भी मिट्टी का क्षय करती है तथा मृदा प्रदूषण का कारण बनती है. यह भूमि के नीचे पानी को भी दूषित करती है.
- खनिज: विभिन्न प्रकार के उत्पादों में प्रयोग होने वाले खनिजों और धातुओं को निकालने के लिए खनन जरुरी है. इसके कारण अत्यधिक मात्रा में पेड़ पौधों को काटा जाता है. जिससे भूमि का क्षरण होता है. मिट्टी की खुदाई में प्रयोग होने वाली भरी मशीनरी का उपयोग भी भूमि प्रदूषण का कारण बन जाता है.
अपशिष्ट उत्पादों को अलग करना (Ways To Reduce Land Pollution in hindi)
अगर हम औद्योगिक और घरेलू कचरे को ठीक से निपटान करें तो हम भूमि प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम कर सकते है. हम अनेक प्रकार के अपशिष्ट उत्पादों को अलग अलग तीन श्रेणियों में वर्गीकृत कर सकते है – जैविक, पुन: प्रयोज्य और पुन: उपयोग योग्य अपशिष्ट.
यह एक मैन्युअल रूप में किया जाने वाला काम है. इसलिए ये थोडा थकाऊ काम माना जाता है. हम गीले कचरे को सूखे कचरे से अलग करके अपना योगदान दे सकते है. इस तरह अलग-अलग डस्रटबिन रखने और उसी के अनुसार उसमें कचरा डालने के सुझाव दिया गया है.
हाल ही में सरकार ने गीले कचरे को हरे डस्टबिन और सूखे कचरे को नीले डस्टबिन निपटान के लिए स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ किया था. पुरे भारत में बड़े शहरों से लेकर गाँव तक डस्टबिन बांटे गये. ताकि लोग कुड्डा कचरा इधर-उधर ना फैंके.
निष्कर्ष: आने वाले समय में भूमि प्रदूषण हमारी पीढ़ियों के लिए मुसीबत कड़ी कर सकता है. लोग हमेशा शिकायत करते है की ये सरकार की जिम्मेदारी है की वो भूमि प्रदूषण को कम करने के लिए कोई निति बनाये. ये हर व्यक्ति की जिमेदारी है की वो प्रदूषण को खत्म करने के लिए आगे आये और इसका शुभ आरम्भ भी हमें अपने घर से ही करना चाहिए.
भूमि प्रदूषण पर 10 पंक्तियाँ (10 Lines on Land Pollution in Hindi)
- पृथ्वी की सतह 29% भूमि है.
- वनों की कटाई, शहरीकरण और कृषि भूमि प्रदूषण के मुख्य कारण है.
- भूमि प्रदूषण मनुष्यों, पौधों और जानवरों को बुरी तरह से प्रभावित करता है.
- फसल जलाने जैसी हानिकारक कृषि पद्धतियाँ भूमि प्रदूषण का कारण बनती है।
- ग्लोबल वार्मिंग में वृद्धि के कारण टिड्डियों में वृद्धि हई है जो फसलों और वृक्षारोपण को नुकसान पहुंचाते है।
- कारखाने भूमि पर हानिकारक रासायनिक अपशिष्ट छोड़ते है जिससे भूमि प्रदूषित होती है.
- भूमि के जहर से सब्जियाँ और अनाज जहर युक्त होता है.
- खुले में कुड्डा कचरा फेंकने से शहरों में भूमि प्रदूषण होता है।
- रासायनिक वस्तुओं और खादों का कम उपयोग करने से भूमि प्रदूषण कम होगा.
- मृदा प्रदूषण को रोकने के लिए उचित कानून बनाये जाने अनिवार्य है.