Valleys of Himachal Pradesh In Hindi – घाटियाँ Theory

Valleys of Himachal Pradesh In Hindi

Valleys of Himachal Pradesh In Hindi

हिमाचल की घाटियाँ

लाहौल-स्पीति – यह घाटी हिमाचल प्रदेश के उच्चतम क्षेत्र में स्थित है। इस घाटी की समुद्रतल से ऊँचाई 3000 मी. से 6500 मीटर तक है। इस घाटी में अल्पाइन वृक्ष पाये जाते है। यहाँ मुख्यत आलू की खेती की जाती है। चन्द्रा व भागा इस घाटी की प्रमुख नदियाँ है। लाहौल की भागा घाटी को रंगोली घाटी भी कहते है।

काँगड़ा घाटी – काँगड़ा घाटी को वीर-भूमि के नाम से जाना जाता है। यह शाहपुर से लेकर पालमपुर तक फैली है। इस घाटी के प्रमुख नगर है-धर्मशाला, नूरपुर, पालमपुर, काँगड़ा, बैजनाथ। धौलाधार पर्वत श्रृंखला काँगड़ा घाटी पर लगे मुकुट के समान है। घाटी का बीड़ स्थान हैंग-ग्लाइडिंग के लिए प्रसिद्ध है।

सांगला घाटी – सांगला घाटी समुद्रतल से 1830 मीटर से 3475 मीटर तक ऊँचाई के बीच स्थित है। सांगला घाटी का सबसे ऊँचा गाँव ‘छितकुल’ है। ‘कामरू’‘सांगला’ इस घाटी के प्रमुख गाँव है। सांगला घाटी को बस्पा घाटी के नाम से भी जाना जाता है। बस्पा सतलुज की सहायक नदी है। ठिडोंग घाटी बस्पा नदी के उत्तर में स्थित है।

बल्ह घाटी – यह घाटी मंडी जिले के मैदानी भागों में स्थित है। यह हिमाचल प्रदेश में सबसे उपजाऊ घाटी है। इस घाटी की औसत ऊँचाई 800 मीटर है। 1962 में भारत जर्मन संयुक्त कृषि परियोजना से इस घाटी का अद्भुत् आर्थिक विकास हुआ है। इसे सुंदरनगर घाटी भी कहते है।

इमला-विमला घाटी – मण्डी जिले के शिकारी धार से परलोग के बीच इमला-विमला घाटी स्थित है। करसोग इस घाटी में स्थित है।

चौंतरा घाटी – मण्डी जिले की जोगिन्दर नगर में यह घाटी स्थित है।

Valleys of Himachal Pradesh In Hindi

चम्बा घाटी – चम्बा घाटी को रावी घाटी के नाम से जाना जाता है। रावी नदी चम्बा घाटी के बीचों बीच प्रवाहित होती है। इस घाटी में मुख्यतः गद्दी जनजाति के लोग रहते है। चम्बा, भरमौर, डलहौजी, खजियार आदि चम्बा घाटी के प्रमुख नगर है।

कुल्लू घाटी – कुल्लू घाटी को ‘देवघाटी‘ के नाम से भी जाना जाता है। इस घाटी में देवदार व सेब के वृक्ष पाये जाते है। इस घाटी में स्थित नगर है- कुल्लू, मनाली, नग्गर, बंजार, आनी। कुल्लू में रुपी घाटी चाँदी की खानों के लिए प्रसिद्ध है।

पौंटा घाटी – यह घाटी कियारदा-दून घाटी के नाम से जानी जाती है। यमुना नदी पौंटा घाटी को देहरादून घाटी से अलग करती है। गिरी और बांटा इस घाटी की प्रमुख नदियाँ है। पौंटा साहिब, माजरा, धौलाकुआँ इस घाटी के अंतर्गत आने वाले कस्बे है।

पब्बर घाटी – इस घाटी को रोहडू घाटी के नाम से भी जाना जाता है। पब्बर इस घाटी की प्रमुख नदी है, जिसका उद्गम स्थल चांसल चोटी है।

सतलुज घाटी – यह घाटी किन्नौर के शिपकी से बिलासपुर जिले तक फैली है। इस घाटी के प्रमुख नगर है, रामपुर, बिलासपुर।

दांवी घांटी – बिलासपुर जिले में धार बहादुरपुर और धार बादला की पहाड़ियों के बीच दांवी घाटी स्थित है।

सरसा घाटी – सोलन जिले में स्थित इस घाटी को औद्योगिक घाटी भी कहा जाता है। इस घाटी के प्रमुख शहर है- डगशाई, कसौली, सनावर, हरिपुर, रामशहर। परवाणू, बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ इसके मुख्य औद्योगिक शहर है।

Major Valleys of Himachal Pradesh

जस्वां-दून घाटी – ऊना जिले में स्थित इस घाटी को स्वां घाटी भी कहा जाता है।

अश्वनी घाटी – इस घाटी के बायीं ओर क्योंथली और दायी ओर बघाटी बोली बोली जाती है। इस घाटी के प्रमुख शहर है-शिमला, चायल, कण्डाघाट, सोलन तथा धर्मपुर।

सप्रुन घाटी – यह सोलन जिले में स्थित है।

कुनिहार घाटी – सोलन जिले में स्थित यह घाटी ‘कुणी खड्ड‘ से शुरू होकर ‘तकुरदिया‘ तक फैली है।

गम्भर घाटी – यह सोलन जिले को दो भागों में बाँटती है। गम्भर नदी के किनारे स्थित यह घाटी ‘शड़ी‘ नामक स्थान से सोलन जिले में प्रवेश

करती है। सोलन जिले के बाद बिलासपुर में प्रवेश करती है। गम्भर घाटी में स्थित ‘अर्को‘ बाघल रियासत की राजधानी थी।

चुराह घाटी – चम्बा जिले में बैरा और स्यूल नदियाँ इस घाटी का निर्माण करती है। तिस्सा और सलूणी इस घाटी में स्थित है।

गारा घाटी – गारा घाटी को चन्द्रा घाटी भी कहते है। यह लाहौल में स्थित है।

चौहार घाटी – मण्डी जिले के उत्तर पूर्व में ऊहल नदी द्वारा चौहार घाटी का निर्माण किया गया है।