Rivers of Himachal Pradesh in Hindi
Table of Contents
नदियाँ एवं पुल (हिमाचल प्रदेश)
(i) अपवाह (Drainage) – एक नदी परिक्षेत्र में जितनी भी जल धाराएँ आकर मिलती है तथा जल का बहाव मुख्य नदी की ओर होता है, उस सारे प्रदेश को उस नदी का अपवाह क्षेत्र (Drainage Area), बेसिन या परिक्षेत्र (Catchment Area) कहते है। हिमाचल प्रदेश की कुल नदियों के जल अधिग्रहण क्षेत्र का सर्वाधिक भू-भाग सतलुज नदी (30.69%) तथा न्यूनतम यमुना नदी (0.67 के अधीन है। ब्यास (24.50%), चिनाब (14.2%) एवं रावी (9.9%) का स्थान क्रमशः दूसरा, तीसरा और चौथा है।
(ii) दो नदी तंत्र – हिमाचल प्रदेश की प्रमुख नदियाँ तथा उनकी सहायक नदियाँ सिंधु नदी तंत्र एवं गंगा नदी तंत्र का हिस्सा है। हिमाचल प्रदेश की सतलुज, ब्यास, रावी और चिनाब नदियाँ सिंधु नदी तंत्र का अभिन्न भाग है। जबकि टोन्स, पब्बर, गिरी, बाटा, यमुना नदी तंत्र का अभिन्न भाग है।
(iii) हिमाचल प्रदेश की 5 प्रमुख नदियाँ – ये नदियाँ है – सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब, यमुना।
(1) नदियों के प्राचीन नाम:-
- सतलुज – वैदिक (सुतुद्रि), संस्कृत वाङ्मय – शतद्रु;
- ब्यास – वैदिक-अरजकिया, संस्कृत वाङ्मय – विपाशा;
- रावी – वैदिक – पुरूशनी, संस्कृत वाङ्मय – ईरावती;
- चिनाब – वैदिक – असीकनी;
- यमुना – कालिंदी।
(2) नदियों के उद्गम स्थल:-
- सतलुज – मानसरोवर झील (रकस झील), तिब्बत से (बाणासुर मानसरोवर से सतलुज को हि.प्र. में लाया था)
- ब्यास – रोहतांग दर्रे (भृगु तुंग)
- रावी – बड़ा बंगाल (काँगड़ा)
- चिनाब – चन्द्रा व भागा नदियों के संगम स्थान टाण्डी (लाहौल-स्पीति) से बारालाचा दर्रे के समीप
- यमुना – कालिंद पर्वत (यमुनोत्री)
(3) नदियों की लम्बाई:-
- सतलुज – कुल लम्बाई 1448 कि.मी., हिमाचल प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र-320 कि.मी.
- ब्यास – कुल लम्बाई 460 कि.मी., हिमाचल प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र – 256 कि.मी.
- रावी – कुल लम्बाई 720 कि.मी., हिमाचल प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र -158 कि.मी.
- चिनाब – कुल लम्बाई 1200 कि.मी., हिमाचल प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र -122 कि.मी.
- यमुना – कुल लम्बाई 1525 कि.मी., हिमाचल प्रदेश में प्रवाह क्षेत्र -22 कि.मी.। यमुना नदी का हिमाचल प्रदेश में सबसे कम प्रवाह है इन सभी 5 नदियों में।
(4) नदियों की सहायक नदियाँ:-
- सतलुज – बस्पा, स्पीति नदी।
- ब्यास – बनेर, बानगंगा, लूनी, पार्वती, सैंज, तिरथन, हारला, उहल
- रावी – भांदल, ततंगरी, छतराणी, स्यूल, साल, बुढ़िल, बलजेड़ी, चिरचिंड
- चिनाब – चन्द्रा, भागा नदी
- यमुना – गिरी, टोंस, पब्बर, आंध्रा ।
(5) नदियों के किनारों पर बसे शहर:-
- सतलुज – नामगियाँ, कल्पा, रामपुर, तत्तापानी, बिलासपुर
- ब्यास – मनाली, मण्डी, कुल्लू, पंडोह, नदौन, सुजानपुर, देहरा गोपीपुर
- रावी – चम्बा, भरमौर
- चिनाब – टांडी
- यमुना – पौंटा साहिब
(6) नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र:-
- सतलुज – 20000 वर्ग कि.मी
- ब्यास – 12000 वर्ग कि.मी.
- रावी – 5451 वर्ग कि.मी.
- चिनाब – 7500 वर्ग कि.मी.
- यमुना – 2320 वर्ग कि.मी.
(7) नदियों के प्रवेश स्थान:-
- सतलुज – सतलुज शिपकी दर्रे (किन्नौर) से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है और भाखड़ा गाँव से पंजाब में प्रवेश करती है। बस्पा नदी कल्पा में सतलुज में मिलती है। सतलुज किन्नौर को छोड़ शिमला जिले में ‘छोहरा‘ में प्रवेश करती है। स्पीति नदी सतलुज में ‘नामगिया‘ (खाब), (किन्नौर) में मिलती है।
- ब्यास – ब्यास बजौरा से मण्डी में तथा संधोल से काँगड़ा में प्रवेश करती है।
- रावी – रावी नदी चम्बा के खैरी स्थान से हिमाचल प्रदेश से निकलकर जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करती है।
- चिनाब – चिनाब नदी चम्बा में भुजींद से प्रवेश कर संसारी नाले से चम्बा को छोड़ कश्मीर में प्रवेश करती है।
- यमुना – यमुना खोदर माजरी से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करती है और ताजेवाला में हिमाचल प्रदेश से निकल कर हरियाणा चली जाती है।
(v) हिमाचल की नदियों पर स्थित प्रसिद्ध पुल:-
- कन्दरौर पुल (बिलासपुर) – NH88 पर सतलुज नदी के ऊपर स्थित यह पुल एशिया का सबसे ऊँचा पुल है।
- सलापड़ पुल – मण्डी बिलासपुर सीमा पर सतलुज नदी पर स्थित है।
- गंभर पुल – सतलुज नदी पर बिलासपुर जिले में स्थित है।
- पण्डोह पुल – ब्यास नदी पर पण्डोह पुल (मण्डी), मण्डी पुल, नादौन पुल, देहरा गोपीपुर पुल स्थित है।
- तत्तापानी पुल – सतलुज नदी पर शिमला-करसोग सड़क पर स्थित है।
- लूहरी पुल – सतलुज नदी पर लूहरी पुल (शिमला-कुल्लू सीमा पर) और बांगतु पुल (किन्नौर) स्थित है।
- राख पुल – चम्बा-भरमौर सड़क पर रावी नदी पर स्थित है।
- खड़ामुख पुल – यह चम्बा भरमौर सड़क पर रावी नदी पर स्थित है।
- सतौन पुल – सिरमौर जिले के पावटाँ-शिलाई मार्ग पर गिरी नदी पर स्थित है।
- झलेड़ा पुल – स्वान नदी पर झलेड़ा पुल (ऊना जिला) और संतोषगढ़ पुल स्थित है।
ये भी पढ़ें: river GK oneLiner Question Answer